Cibil Score 2025 में हुए बड़े बदलाव, अब लोन रिजेक्ट नहीं होगा चुपचाप, जानिए नए नियम

हर किसी का सपना होता है कि कभी न कभी अपना खुद का घर या कार हो और इसके लिए हम बैंक से लोन लेने की सोचते हैं। लेकिन जब अचानक बैंक लोन रिजेक्ट कर दे और वजह भी न बताए तो दिल को ठेस लगती है। अब इस स्थिति में राहत देने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सीबिल स्कोर से जुड़े नियमों में कुछ बड़े बदलाव किए हैं। ये नए नियम 2025 से लागू हो चुके हैं और लाखों लोगों को इसका फायदा मिलने वाला है।

क्या है सीबिल स्कोर और क्यों होता है जरूरी

सीबिल स्कोर एक तीन अंकों का नंबर होता है जो 300 से 900 के बीच होता है। यह स्कोर आपके पुराने लोन और क्रेडिट कार्ड के भुगतान, उनके समय पर चुकाने और आपके द्वारा कितनी बार लोन के लिए आवेदन किया गया है, इन सब बातों के आधार पर बनता है। अगर आपका स्कोर 750 से ऊपर है तो आपको लोन मिलने की संभावना ज्यादा होती है। वहीं अगर यह स्कोर 650 से नीचे है तो बैंक आपके लोन को रिजेक्ट कर सकता है।

अब क्या हुए हैं नए बदलाव

आरबीआई ने अब बैंकों को निर्देश दिया है कि वे सिर्फ सीबिल स्कोर के आधार पर किसी का लोन रिजेक्ट नहीं कर सकते। अगर किसी का स्कोर कम है और बैंक लोन देने से मना करता है तो उसे स्पष्ट रूप से लिखित में कारण बताना होगा। इतना ही नहीं, अगर सीबिल रिपोर्ट में कोई गलती है तो उस व्यक्ति को उसे सुधारने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा।

इसका मतलब है कि अब आपको दूसरा मौका मिलेगा और कोई छोटी-मोटी गलती आपकी पूरी फाइनेंशियल प्लानिंग को खराब नहीं कर पाएगी।

क्या होगा असर इन बदलावों का

पहले बैंकों को जब किसी का स्कोर कम दिखता था तो वे तुरंत लोन रिजेक्ट कर देते थे। लेकिन अब एक इंसान को उस फाइल को मैन्युअली चेक करना होगा। इस प्रक्रिया में थोड़ा समय ज्यादा लग सकता है, लेकिन सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी।

जैसे एक लड़की रितिका, जिसने अपना होम लोन अप्लाई किया था लेकिन सीबिल रिपोर्ट में पुराना लोन अभी भी ओपन दिख रहा था जबकि वो क्लोज कर चुकी थी। बैंक ने नियमों के अनुसार 12 दिन तक इंतजार किया और जब रिपोर्ट अपडेट हुई तब लोन पास किया।

लोन डिले होने के कारण क्या होते हैं

कई बार सीबिल स्कोर में नाम, पता या पैन नंबर की गलतियां होती हैं। कई बार पुराने लोन क्लोज हो चुके होते हैं लेकिन रिपोर्ट में पेंडिंग दिखते हैं। क्रेडिट कार्ड का ज्यादा इस्तेमाल और बार-बार लोन के लिए अप्लाई करना भी स्कोर खराब करता है।

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